Wednesday, May 03, 2006

धूम्रपान

धूम्रपान
एक कार्य महान

धूम्रपान
एक कार्य महान
सिगरेट है संजीवनी
पीकर स्वास्थ्य बनाओ
समय से पहले बूढ़े होकर
रियायतों का लाभ उठाओ

सिगरेट पीकर ही
हैरी और माइकल निकलते हैं
दूध और फल खाकर तो
हरगोपाल बनते हैं

जो नहीं पीते उन्हें इस
सुख से अवगत कराओ
बस में रेल में घर में
जेल में सिगरेट सुलगाओ
अगर पैसे कम हैं
फिर भी काम चला लो
जरूरी नहीं है सिगरेट
कभी कभी बीड़ी सुलगा लो

बीड़ी
सफलता की सीढ़ी
इस पर चढ़ते चले जाओ
मेहनत की कमाई सही काम में लगाओ

जो हड्डियां गलाते हैं
वो तपस्वी कहलाते हैं
ऐ कलयुग के दधीचि
हड्डियों के साथ करो
फेफड़े और गुर्दे भी कुर्बान
क्योंकि
धूम्रपान
एक कार्य महान